पुरुषों के मुक़ाबले वो निश्चित तौर पर आगे दिखती हैं.
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सेक्स लाइफ़: महिलाएं रूढ़ियां तोड़ने में पुरुषों से आगे क्यों?
सर्दियों का समय था। ठंड बहुत ज्यादा थी, पूरे गांव में कोहरा(धुंध) छाया हुआ था। मेरे दादा एक बड़े अधिकारी थे। जो रोज की तरह दफ्तर का काम adult खत्म करके घर की ओर लौट रहे थे। घर वाले रास्ते में बाजार भी आता था। जहां मेरे दादाजी सामान लेने के लिए रुके और उनके बाकी शहर कर्मचारी चले गए। मेरे दादाजी बाजार में सामान लेने की वजह से पीछे रह गए। सामान लेते–लेते दादा जी को पता नहीं चला कि कब शाम हो गई।
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लेकिन ताज़ा आंकड़ों से जाहिर होता है कि ये बदलाव समाज के एक हिस्से में ज़्यादा पुख़्ता तौर पर दिखता है. बीते दौर के मुक़ाबले कई देशों में महिलाएं कहीं ज़्यादा बड़ी संख्या में अपनी पसंद-नापसंद के बारे में बातें कर रही हैं.
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तब तक हम यही कहेंगे कि मिनी स्कर्ट पहनकर चल रही थी, या रात को किसी और के साथ जा रही थी. तब तक हम उसे छेड़ते भी रहेंगे. जिस दिन हम इस बात को स्वीकार कर लेंगे कि वह भी इंसान है, उसकी भी इच्छाएं हैं, उस दिन हम उसकी इज्जत कर पाएंगे."
अपने हर अध्ययन के दौरान उन्होंने हिस्सा ले रहे लोगों से कहा कि वो अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन यानी यौन व्यवहार और लिंग के बारे में जानकारी दें.
हालांकि, वो एलजीबीटी (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर) मूवमेंट के असर को कम करके नहीं देखते जिसकी वजह से ज़्यादा लोग अपनी सेक्सुअल पहचान और पसंद ज़ाहिर कर रहे हैं.
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